गेहूँ में लंबी बाली पाने के लिए जबरदस्त उपाय : बाली आने पर गेहूँ में क्या करें । SMARTCROP ।
अभी जनवरी का महीना चल रहा है. जिन किसानों ने अक्टूबर नवंबर में गेहूं की बुवाई की थी. उनकी फसल में बालियां आनी शुरू हो चुकीहैं. गेंहू की फसल लगभग 70 से 75 दिन की होने लगी है. इसको गभोट की अवस्था बोला जाता है. ये बूटिंग स्टेज होती है, कई फसल मेंबालियां निकल रही होंगी. ऐसे में किसानों को चाहिए कि गेहूं की फसल की इस अवस्था में पानी निश्चित रूप से लगाएं.
जब फसल को पर्याप्त पानी मिलेगा तो बालियां भी तेजी के साथ निकलेंगी.
बालियों के समय कौनसे पोषक तत्व डालें ।
इसके अलावा पोषक तत्वों की बात करें, तो फसल के लास्ट स्टेज का नाइट्रोजन छिड़काव जो बचा है, उसे जरूर करें. इसे ऐसे समझसकते हैं कि जब आप गेहूं की बुवाई करते हैं तो 50% नाइट्रोजन का छिड़काव उस समय करते हैं. इसके बाद 25% नाइट्रोजन तब डालाजाता है, जब फसल एक महीने की हो जाती है और बचा हुए शेष 25% नाइट्रोजन तब डाला जाता है, जब गेहूं की फसल 70 से 75 दिनकी हो जाती है, बालियां निकलने का समय होता है."
अगर किसानों के पास यूरिया नहीं है, तो आप यूरिया की जगह पर नैनो यूरिया का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका छिड़काव करने से पहलेघोल तैयार करना पड़ता है, जो इस प्रकार तैयार किया जाना चाहिए. 1 लीटर पानी में 4 मिली नैनो यूरिया डालकर अच्छे से मिला लें. इसके बाद छिड़काव कर सकते हैं. इससे भी आपकी फसल में पोषक तत्वों की उपलब्धता आ जाएगी और उसमें बम्पर पैदावार देखने कोमिलेगी.
दिसंबर या उसके बाद कि बुवाई तो ऐसे रखें ख्याल ।
कुछ किसान गेंहू की लेट बुवाई करते हैं. जिन किसानों ने दिसंबर में गेहूं की बुवाई की है या उसके बाद बुवाई की है. उन किसानों को इनदिनों गेहूं की फसल का ऐसे ख्याल रखना चाहिए. इन दिनों तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, अगर किसानों ने इसको ध्यान मेंरखते हुए प्रतिरोधक क्षमता वाला गेहूं के किस्म का चयन करके बुवाई की है, तो कोई दिक्कत नहीं होगी. गर्मी का असर फसल पर कमपड़ेगा, लेकिन पानी की सिंचाई निश्चित रूप से करनी पड़ेगी."
अगर आपने गर्मी प्रतिरोधक क्षमता वाले गेहूं की किस्म का चयन नहीं किया है, तो भूमि के आधार पर पानी की सिंचाई लगातार करते रहें. कोशिश करें कि फसल का सतत निरीक्षण करते रहें. फसल में अगर दीमक की समस्या देखने को मिलती है, तो उसका भी उपचार करेंऔर समय के अनुसार फसल में पोषक तत्वों का छिड़काव करते रहें. अगर इन बातों का ख्याल रखते हुए गेहूं की खेती करते हैं, तो अच्छीपैदावार होगी.
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