गेहूं की पैदावार कैसे बढ़ाएं, Gehu Ki Paidawar Kaise Badhaye । SMARTCROP ।

गेहूँ की पैदावार बढ़ाने के आसान उपाय : अब उत्पादन होगा बेहतर ।


गेहूं की पैदावार कैसे बढ़ाएं, Gehu Ki Paidawar Kaise Badhaye

गेहूँ से अच्छा उत्पादन लेने कि लिए इन बातों का अवश्य ध्यान रखें ।


गेहूं की फ़सल में नाइट्रोजन और पोटैशियम की मात्रा बढ़ाएं । 

गेहूं की फ़सल में ज़िंक, आयरन, और मैंगनीज़ जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को पूरा करें ।

गेहूँ में समय  पर सिंचाई करें ।

खर-पतवार को रोकें गेहूं की फ़सल में मौसमी असरों का पता लगाकर उसका इलाज करें ।

इसके अलावागेहूं की उन्नत किस्मों का चयन भी करना चाहिए.


भारत एक कृषि प्रधान देश है यह गेहूं उत्पादन के मामले में चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है

इस साल किसानों ने 336.96 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई की हैखास बात यह है कि अभी मौसम भी गेहूं की फसलके लिए अनुकूल हैठंड और कोहरे से गेहूं उत्पादक किसान काफी खुश हैंउन्हें उम्मीद है कि इस बार गेहूं की बंपरपैदावार होगीलेकिन इसके बावजूद भी कई किसान बेहतर उपज को लेकर परेशान हैंलेकिन अब उन्हें चिंता करने कीजरूरत नहीं हैआज हम उन्हें पैदावार बढ़ाने के ऐसे उपाए बताएंगेजिसे अपनाकर वे मालामाल हो जाएंगे.


गेहूं की पैदावार कैसे बढ़ाएं, Gehu Ki Paidawar Kaise Badhaye


गेहूँ में नाइट्रोजन व जिंक का प्रयोग और फायदे ।


गेहूं में 35 दिन बाद नाइट्रोजन व जिंक का प्रयोग जरूर करें। 

नाइट्रोजन से पौधों की पत्तियां और तने मज़बूत होते हैं। 

नाइट्रोजन से पौधों में नए कल्ले विकसित होते हैं। 

नाइट्रोजन से फ़सल की बालियां लंबी और स्वस्थ होती हैं। 

नाइट्रोजन से फ़सल की उपज बढ़ती है। 

ज़िंक से पौधों में हरापन आता हैज़िंक से पौधों में ज़्यादा कलियां लगती हैं। 

ज़िंक से पौधों की जड़ें और कलियां तेज़ी से बढ़ती हैं। 

ज़िंक से पौधों की ताकत और उत्पादकता बढ़ती है। 


“इस प्रकार करें छिड़काव” :  नैनो यूरिया 60 एम एल प्रति टंकी की दर से घोलकर साथ में जिंक सल्फेट 21% ग्रेड वाला 30 ग्राम प्रति टंकी की दर से या जिंक सल्फेट चिलेटेड 12% ग्रेड वाला 14 ग्राम प्रति टंकी की दर से घोलकर छिड़काव करें। छिड़काव गेहूं की फसल में 35 दिन बाद करें ( जिंक सल्फेट का भुरकाव करना हो तो जिंक सल्फेट21%, 25 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से व जिंक सल्फेट 33%, 15 किलो प्रति हेक्टेयर भुरकाव करें ) । विशेष बात यह कि गेहूं की फसल में 60 दिन के बाद में यूरिया या नैनो यूरिया का स्प्रे नहीं करें ना ही डाले इससे फसलों में फायदे कम नुकसान अधिक होते हैं। 


गेहूं की पैदावार कैसे बढ़ाएं, Gehu Ki Paidawar Kaise Badhaye

गेहूं में पोटाश व सल्फर का प्रयोग और फायदे ।


पोटाश से  पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

दाने ठोस एवं चमकदार होते हैं।

अधिक ठंड होने पर पौधों का बचाव होता है।

फसल जल्दी पक कर तैयार होती है।

दानों में दूध की मात्रा अधिक होती है।

पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं। 

जिससे पौधों के गिरने की समस्या नहीं होती। 


“प्रयोग करने का तरीका “ : किसान भाइयों गेहूं में बुवाई के समय हमें बेसल डोज़ में 30 - 35 किलोग्राम पर एकड़ पोटाश का प्रयोग करना चाहिए । पोटाश का प्रयोग गेहूं में दूसरी सिंचाई के बाद लगभग 50 - 55 दिन के बाद स्प्रे के रूप में करना चाहिए जिसके लिए NPK 00 52 34 का प्रयोग करें जिसमें सल्फर भी होता जिससे हमारी फसल की ग्रोथ और भी बढ़ जाती है। NPK का 2 ग्राम पर लीटर के हिसाब से घोल तैयार करें। एक एकड़ में 200 लीटर पानी का प्रयोग करें।

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